| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| दूर्वाद्य घृत					 : | पुं० [दूर्वा-आद्य ब० स०, दूर्वद्य-घृत कर्म० स०] वैद्यक में, एक प्रकार की बकरी का घी जिसमें दूब, मजीठ, एलुआ, सफेद चंदन आदि मिलाया जाता है और जिसका व्यहार आँख, मुँह, नाक, कान आदि से रक्त जानेवाला रक्त रोकने के लिए होता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |